लोग इस बात को लेकर हैरत में हैं कि जब 10-12 करोड़ की संपति वाले लोग सांसद और विधायक का चुनाव लड़ने के लिए जोर लगाते हैं तब 690 करोड़ की संपति के मालिक पराग इतने छोटे स्तर का चुनाव क्यों नहीं लड़ना चाहते हैं।
हालांकि मुंबई में नगरसेवक के चुनाव को दौलत कमाने का जरिया भी माना जाता है क्योंकि चुनावों में जीतने के बाद ज्यादातर नगरसेवक प्रापर्टी या ठेकेदारी के धंधे से जुड़ जाते हैं और खूब दौलत इकट्ठी करते हैं। ऐसे में पहले से ही अरबपति पराग शाह का इन चुनावों में उतरना किसी के लिए भी चौंकाने वाला विषय है। पराग को अभी तक महाराष्ट्र को किसी भी चुनावों का सबसे अमीर उम्मीदवार माना जा रहा है।
This post was last modified on February 9, 2017 9:28 am
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