एपल के सीईओ टिम कुक ने वॉशिंगटन में अमेरिकी बिजनेस लीडर्स के साथ मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी कंपनी के पहले मेड इन इंडिया आईफोन (आईफोन SE) की जानकारी दी। मीटिंग की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि कुक ने मोदी को बताया कि एपल ने पिछले महीने बेंगलुरु में आईफोन SE का प्रॉडक्शन शुरू कर दिया है। एपल ने बेंगलुरु में एक बड़ा ऐप-एक्सिलरेटर प्रोग्राम भी शुरू किया है और इसके तहत कंपनी ने हजारों iOS डिवेलपर्स को ट्रेनिंग दी है। एपल इसके अलावा हैदराबाद में डिवेलपमेंट सेंटर भी शुरू करेगी, जो iOS, एपल टीवी और एपल वॉच के लिए ऐप्स बनाने में इस्तेमाल होने वाली एपल की प्रोगामिंग लैंग्वेज स्विफ्ट से जुड़ी सपॉर्ट और गाइडेंस भी उपलब्ध कराएगा। स्विफ्ट के जरिए डिवेलपर्स सुरक्षित और अधिक विश्वसनीय कोड लिख सकते हैं। इससे समय की बचत होती है और ऐप के लिए बेहतर अनुभव तैयार किया जा सकता है।
हैदराबाद का सेंटर मैप्स डिवेलपमेंट में सुधार करेगा और इससे लगभग 4,000 नौकरियां पैदा होंगी। सूत्रों ने कहा कि कुक ने मोदी को बताया कि भारत में iOS से संबंधित बहुत सी नौकरियां पैदा हुई हैं। उनका कहना था कि भारतीय ऐप डिवेलपर्स ने एपल के ऐप स्टोर के लिए करीब एक लाख ऐप्स तैयार की हैं। इसके साथ ही कुक ने कहा कि एपल इस वर्ष के अंत तक अपना पूरा बिजनेस केवल रिन्यूएबल एनर्जी पर चलाएगी। दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ रहे भारत के स्मार्टफोन मार्केट में एपल अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है। देश में प्रीमियम स्मार्टफोन सेगमेंट में एपल दिग्गज कंपनियों में शामिल है। इसके डिवाइसेज की कीमत 30,000 रुपये से शुरू होती है। एपल के लिए भारत एक महत्वपूर्ण देश है क्योंकि अमेरिका और चीन के मार्केट में ग्रोथ कम हो गई है। एपल भारत में अपने रिटेल स्टोर्स भी खोलना चाहती है और यह देश में मैन्युफैक्चरिंग के लिए लोकल सोर्सिंग की आवश्यक्ताओं में छूट देने की मांग कर रही है। ईटी ने हाल ही में रिपोर्ट दी थी कि एपल के मेड इन इंडिया फोन पिछले महीने मार्केट में आए थे। हालांकि, इनकी कीमतें इम्पोर्ट होने वाले फोन के समान हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ईटी को बताया था कि एपल अपने सभी स्मार्टफोन मॉडल्स भारत में उपलब्ध कराना चाहती है।
वाशिंगटन में मोदी के साथ मीटिंग में बड़ी अमेरिकी कंपनियों के 21 सीईओ ने हिस्सा लिया। इनमें गूगल के सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नाडेला और एमेजॉन के जेफ बेजॉस शामिल थे। मोदी ने इस मीटिंग में रिफॉर्म्स को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू करने का फैसला अमेरिकी बिजनेस स्कूलों में अध्ययन का विषय हो सकता है। उनका कहना था कि सरकार ने बिजनेस के लिए माहौल सुधारने के मकसद से बहुत से कदम उठाए हैं और भारत की ग्रोथ में अमेरिका के भागीदार बनने की काफी संभावनाएं हैं।
This post was last modified on June 27, 2017 5:28 am
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