भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) को लेकर एक बयान पर मंगलवार को राज्यसभा में हंगामा हो गया। शाह ने कहा, ‘‘किसी के पास घुसपैठियों की पहचान करने की हिम्मत नहीं थी। राजीव गांधी ने 1985 में असम समझौते पर दस्तखत किए थे। यह एनआरसी जैसा था। समझौते में कहा गया था कि अवैध घुसपैठियों की पहचान कर हमारे सिटीजन रजिस्टर से अलग करना चाहिए। लेकिन वे अमल करने की हिम्मत नहीं कर पाए। हम में अमल करने की हिम्मत है, इसलिए हम यह कर रहे हैं। एनआरसी का काम सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो रहा है।’’ शाह के इस बयान पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी समेत विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
२५ मार्च २०२२ को प्रदेश का मुख्यामंत्री के पद का शापद लेने के बाद चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ ने उत्तर…
आज यूक्रेन - रूस के बीच 31वें दिन भी लड़ाई जारी है। रूसी सेना लगातार यूक्रेन की स्वास्थ्य सुविधाओं को…
दिल्ली में माल कम हैं, जिससे दिल्ली में बस टर्मिनल की खाली जमीन पर माल बनाए जाएंगे, मनीष सिसोदिया ने…
एक बार फिर दिल्ली में सब्सिडी घरेलू गैस सिलिंडर के दाम में बढ़ोतरी हुई है। एक मार्च से घरेलू रसोई…
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन आज यानि सोमवार को बाजार बढ़त के साथ खुला है। सेंसेक्स और निफ्टी ने हरे…
दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज पार्टी मुख्यालय में कवि-संत रविदास को उनकी जयंती पर…