सरकार ने किसान संगठनों को चिट्ठी भेजकर कहा है कि वह सभी मुद्दों पर बात करने को तैयार है। सरकार ने ये भी कहा है कि तीनों कानूनों में एमएसपी की बात नहीं है, सरकार पहले ही इसे लेकर वर्तमान व्यवस्था चालू रहने के लिए लिखित आश्वासन देने को तैयार हो चुकी है।
चिट्ठी में सरकार ने कहा ऐसी परिस्थिति में कानून से बाहर जाकर इसकी कोई मांग तर्कसंगत नहीं है। आवश्यक वस्तु एक्ट में संशोधन पर बात संभव है। विद्युत अधिनियम और पराली पर अभी सिर्फ प्रस्ताव ही लाया गया है। सरकार ने किसानों से वार्ता की तारीख और समय पूछा है।
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