चीन भारत के साथ सैन्य स्तर की बातचीत कर रहा है, लेकिन दूसरी ओर वह उकसाने वाले बयान देने से बाज भी नहीं आ रहा है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनातनी कम करने के लिए दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच करीब 12 घंटे तक चली सातवें दौर की वार्ता में सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमति बनी। हालांकि, नापाक इरादे जाहिर करने वाले चीन ने विवादित बयान देते हुए कहा कि वह केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं देता है।
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय सीमा में स्थित चुशुल में करीब बारह घंटे चली इस सकारात्मक और रचनात्मक वार्ता में दोनों तरफ के अफसर एलएसी से सटे टकराव वाली हर जगह से जल्द से जल्द सेना हटाने पर राजी हुए। इसमें कहा गया है कि भारत-चीन ने दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी आपसी महत्वपूर्ण समझ को ईमानदारी से लागू करने पर सहमति जताई।
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