यह सही है कि देश की सियासत में अलग राजनीतिक विचारधारा वाले दलों से बने बेमेल गठबंधन के बिखरने का लंबा इतिहास रहा है। तभी तो बेमेल शब्द की काट खोजने पर राजनीतिक दल विवश हुए और सरकार चलाने के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम की बैसाखी तैयार की गई। इसके अलग नाम हो सकते हैं, लेकिन मुख्यतया न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत दो विपरीत ध्रुव वाले दल सरकार बनाने के लिए कुछ मसलों पर सहमति जताते हैं और अपनी सरकार के लक्ष्य को उसी के इर्द-गिर्द केंद्रित रखने का संकल्प लेते हैं। इससे तथाकथित सियासी बेमेलपन की इतिश्री हो जाती है।
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