– प्रज्ञा ने लोकसभा में लिखा हुआ बयान पढ़ते हुए कहा कि मेरे बयान को तोड़मरोड़कर पेश किया गया
– वहीं प्रज्ञा की ओर से सफाई देने के बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा
– सदन में प्रज्ञा ने कहा कि सदन के एक सदस्य ने मुझे ‘आतंकवादी’ बताया, यह मेरी गरिमा पर हमला है, अदालत में मेरे खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुआ है
– प्रज्ञा ने कहा कि मेरे बयान का संदर्भ कुछ और था लेकिन उसे तोड़ा मरोड़ा गया, उन्होंने कहा कि ‘बिना दोष सिद्ध हुए मुझे आतंवादी कहना कानून के खिलाफ है
– प्रज्ञा ने कहा अगर मैंने किसी की भावना को आहत किया है तो मैं माफी मांगती हूं
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