बुधवार को कोरोना वायरस से बुरी तरह जूझ रहे ब्रिटेन ने फाइजर-बायोएनटेक द्वारा तैयार कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति दे दी। भारत में भी इसके प्रयोग को लेकर लोगों के बीच चर्चा चल रही है। इस वैक्सीन को स्टोर करने के लिए -70 डिग्री के तापमान की आवश्यकता होती है। बिना कोल्ड स्टोरेज की सुविधा के इस वैक्सीन को ट्रांसपोर्ट भी नहीं किया जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पहले ही कह चुका है कि इस वैक्सीन के लिए कम विकसित देश तैयार नहीं हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कम विकसित देशों के पास वैक्सीन को स्टोर करने की सुविधा ही नहीं है, जिस कारण वहां पर इसका प्रयोग बहुत मुश्किल है।
२५ मार्च २०२२ को प्रदेश का मुख्यामंत्री के पद का शापद लेने के बाद चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ ने उत्तर…
आज यूक्रेन - रूस के बीच 31वें दिन भी लड़ाई जारी है। रूसी सेना लगातार यूक्रेन की स्वास्थ्य सुविधाओं को…
दिल्ली में माल कम हैं, जिससे दिल्ली में बस टर्मिनल की खाली जमीन पर माल बनाए जाएंगे, मनीष सिसोदिया ने…
एक बार फिर दिल्ली में सब्सिडी घरेलू गैस सिलिंडर के दाम में बढ़ोतरी हुई है। एक मार्च से घरेलू रसोई…
सप्ताह के पहले कारोबारी दिन आज यानि सोमवार को बाजार बढ़त के साथ खुला है। सेंसेक्स और निफ्टी ने हरे…
दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज पार्टी मुख्यालय में कवि-संत रविदास को उनकी जयंती पर…