दिल्ली मरकज मामले में साकेत कोर्ट ने करीब 275 से ज्यादा विदेशी जमाकर्ताओं को सजा सुनाई है। विदेशी जमाकर्ताओं को टिल राइजिंग कोर्ट यानी एक दिन कोर्ट रूम में खड़ा रहने की सजा सुनाया गया है। सभी विदेशी जमाकर्ताओं पर 5 से 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। विदेशी जमाकर्ताओं ने कोर्ट के सामने अपनी गलती मानी और कबूल किया की उन्हें कोरोना महामारी नियमों की अवहेलना हुई है।
यह कहता है कि इस मामले में फॉरेन एक्ट, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, और आईपीएस की कई प्रवाह की अवहेलना हुई है। बता दें कि ये सभी विदेशी जमाती, बालना, नेपाल, इंडोनेशिया, विजी, आस्ट्रेलिया और बाकी अन्य देशों से मरकज़ में शामिल होने वाले भारत आए थे।
पुलिस ने जून महीने में इस मामले में 36 देशों के 956 विदेशियों के खिलाफ 59 आरोपपत्र दाखिल किए थे। विदेशी नागरिकों की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि मलेशियाई नागरिकों ने आरोपों को स्वीकार करके सजा कम करने की अपील की, जिसके बाद मेट्रोपॉलिटन धार्मिकवादी सिद्धार्थ मलिक ने आदेश दिया। इस मामले में याचिकाकर्ता लाजपत नगर के एसडीएम, लाजपत नगर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और निजामुद्दीन के निरीक्षक ने कहा कि उन्हें अभियोजन पर कोई आपत्ति नहीं है, जिसके बाद उन्हें रिहा करने की अनुमति दे दी गई।
बता दें कि मरकज़ मामले में दिल्ली पुलिस ने 31 मार्च को कई संगीन धाराओं में केस दर्ज किया था। 13 मार्च को मरकज़ में बड़ी संख्या में लोग देश और विदेश से ज़मात के लिए आये थे, आरोप है कि विदेशी ज़माती टूरिस्ट वीज़ा पर भारत घूमने आए थे लेकिन यहां धार्मिक गतिविधियों में शामिल थे। बहुत ही नहीं इन लोगों की लापरवाही की वजह से कोरोनावायरस का संक्रमण और बहुत अधिक फैला हुआ है।
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