अगले साल से बदल सकता है वित्त वर्ष, 2018 में नवंबर में पेश हो सकता है आम बजट

वर्ष 2018 से देश में वित्त वर्ष की शुरुआत अप्रैल के बजाय जनवरी से हो सकती है. सरकार इसकी तैयारी में लगी है. इसके साथ ही देश में 150 साल से चली आ रही अप्रैल-मार्च की वित्त वर्ष की परंपरा में बदलाव हो सकता है.

सरकार के उच्चस्तरीय सूत्रों ने कहा, यदि ऐसा होता है तो केंद्र का अगला बजट इस साल नवंबर में पेश हो सकता है. सूत्रों ने बताया कि सरकार वित्त वर्ष को कैलेंडर वर्ष के अनुरूप बदलने पर काम कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बदलाव की वकालत की है. यह एक और ऐतिहासिक बदलाव होगा. सरकार इससे पहले बजट को फरवरी महीने की अंतिम तारीख को पेश करने की दशकों पुरानी परंपरा को बदल चुकी है. इस साल बजट एक फरवरी को पेश किया गया.

समिति ने दिसंबर में अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री को सौंपी

उससे पहले तक भारत में वित्त वर्ष की शुरुआत एक मई को शुरू होकर 30 अप्रैल तक होती थी. प्रधानमंत्री मोदी के वित्त वर्ष का कैलेंडर वर्ष से मेल करने की इच्छा जताने के बाद सरकार ने पिछले साल एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया. समिति को वित्त वर्ष को एक जनवरी से शुरू करने की व्यवहार्यता का अध्ययन करने को कहा गया. समिति ने दिसंबर में अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री को सौंप दी है.

नीति आयोग के एक नोट में भी कहा गया है कि वित्त वर्ष में बदलाव जरूरी है

नीति आयोग के एक नोट में भी कहा गया है कि वित्त वर्ष में बदलाव जरूरी है क्योंकि मौजूदा प्रणाली में कामकाज के सत्र का अहम उपयोग नहीं हो पाता. कुछ महीने पहले संसद की वित्त पर स्थायी समिति ने भी वित्त वर्ष को स्थानांतरित कर जनवरी-दिसंबर करने की सिफारिश की थी. मोदी ने वित्त वर्ष में बदलाव की वकालत करते हुए कहा था कि एक तेजर्तार व्यवस्था विकसित किए जाने की जरूरत है, जो विविधता के बीच काम कर सके. उन्होंने कहा था, समय के खराब प्रबंधन की वजह से कई अच्छी पहल और योजनाएं वांछित नतीजे देने में विफल रहती हैं. वित्त वर्ष को जनवरी-दिसंबर करने की घोषणा करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य है.

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