सुप्रीम कोर्ट ने कहा- घर के अंदर एसी व एसटी के व्यक्ति पर अपमानजनक टिप्पणी अपराध नहीं

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि घर के अंदर चार दीवारों के बीच अनुसूचित जाति व जनजाति के व्यक्ति पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी अपराध नहीं होती। गुरूवार को शीर्ष कोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ एससी-एसटी कानून के तहत एक इमारत में महिला का अपमान करने के आरोपों को खारिज कर दिया।

गुरूवार को जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा, किसी व्यक्ति के लिए सभी अपमान या धमकी एससी एसटी कानून के तहत अपराध नहीं होते। ऐसा तब ही होगा जब वह व्यक्ति अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से आता हो। पीठ ने साथ यह भी कहा कि इसे अपराध तभी माना जाएगा जब अपमानजनक टिप्पणी सामाजिक तौर से सबके सामने की गई हो।

Be the first to comment on "सुप्रीम कोर्ट ने कहा- घर के अंदर एसी व एसटी के व्यक्ति पर अपमानजनक टिप्पणी अपराध नहीं"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*