भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान के सहारे हिंद महासागर में दखल बढ़ा रहा है चीन, मिलकर अरब सागर में करेंगे वॉर प्रैक्टिस

भारत को घेरने के लिए चीन पाकिस्तान की आड़ में लगातार हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है. शीर्ष खुफिया सूत्रों के मुताबिक चीन के जंगी बेड़े और पंडुब्बियां बार-बार कराची और ग्वादर से आवाजाही कर रहे हैं. इसके जरिए ड्रैगन हिंद महासागर में अपनी नौसेना की मौजूदगी बढ़ाना चाहता है. हालांकि चीन इन जंगी बेड़े और पनडुब्बियों की आवाजाही को सौहार्द दौरा बता रहा है.

कराची बंदरगाह भारतीय तट के बेहद करीब है. ऐसे में यहां से चीन भारतीय युद्धपोत की आवाजाही की जासूसी कर सकता है. चीन अपनी मरीन कोर के विस्तार की भी योजना बना रहा है, जिसको वह पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में तैनात करेगा. पिछले हफ्ते अमेरिका ने भी अलर्ट किया था कि चीन पाकिस्तान में सैन्य ठिकाना बनाने की फिराक में है. छह जून को पेंटागन की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान समेत उन देशों में चीनी सैन्य बेस स्थापित किए जाने की संभावना है, जिनसे चीन के लंबे समय से दोस्ताना और सामरिक रिश्ते रहे हैं.

चीनी जंगी बेड़े और पनडुब्बियों का लगातार पाकिस्तान के कराची और ग्वादर बंदरगाह जाना हिंद महासागर में मौजूदगी दर्ज कराना है. यह चीन के सैन्य अभ्यास का हिस्सा है. ड्रैगन के इस कदम ने भारत की चिंता बढ़ा दी है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियां चीनी नौसेना के क्रियाकलाप पर करीब से निगाह रख रही हैं. हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में चीन का दखल बढ़ा है. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा भी PoK से गुजर रहा है, जिसका भारत कड़ा विरोध कर रहा है.

भारतीय और अमेरिकी एजेंसियों ने हिंद महासागर में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की गतिविधियों पर आशंका जताई है. चीन के युद्धपोत चांग चुन, जिंग झोउ और चाओ हु चार दिवसीय कराची बंदरगाह के दौरे पर हैं. इसके अलावा जनवरी में चीनी परमाणु पनडुब्बी 093 शाग को कराची बंदरगाह पर देखा गया. चीन काफी लंबे समय से भारत को घेरने के लिए हिंद महासागर में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.

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