कोरोना में मरीजों को दोहरी मार, 3,000 रुपये प्रति किलोमीटर चार्ज कर रही एंबुलेंस

कोरोना काल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से आपदा को अवसर बनाने की अपील की, लोगों से कहा गया है कि वो निराश ना हो और इस आपदा में नए अवसर तलाश सकते हैं। लेकिन कुछ लोग प्रधानमंत्री मोदी की इस बात का गलत मतलब निकाल रहे हैं।

कोरोना के दौरान कई ऐसी शिकायतें सामने आ रही हैं, जिसमें मरीजों से 10-15 किलोमीटर के लिए एंबुलेंस का 10,000-30,000 रुपये तक का चार्ज लिया जा रहा है। हालांकि कुछ राज्यों ने एंबुलेंस का खर्चा तय कर दिया है लेकिन इसके बाद भी कुछ ऑपरेटर्स इस आपदा के समय में कमाई के अवसर ढूंढ रहे हैं।

मुंबई में 10-15 किलोमीटर के लिए चार्ज किए 30,000 रुपये
मुंबई में जब कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे थे तब एंबुलेंस ऑपरेटर की ओर से कोरोना मरीजों से हजारों में भरपाई की गई। उस वक्त कोरोना मरीजों से 10-15 किलोमीटर के लिए 30,000 रुपये वसूलने जैसी शिकायतें सामने आईं, यानि कि कोरोना मरीज से एक किलोमीटर के लिए तीन हजार रुपये वसूले जा रहे थे।

इन शिकायतों के बाद महाराष्ट्र की सरकार ने इस मुद्दे में दखल दिया लेकिन उसके बाद भी जून महीने के आखिर में पुणे में एक कोविड-19 मरीज से सात किलोमीटर के लिए आठ हजार रुपये वसूले गए।

बंगलुरू में छह किलोमीटर के लिए 15,000 रुपये
कई राज्यों और जिलों से इस तरह की शिकायतें सुनने को मिलीं। बंगलुरू में एक शख्स ने अपनी 54 वर्षीय मां को निजी अस्पताल में भर्ती करने के लिए एंबुलेंस का 15,000 रुपये का भुगतान किया, हालांकि ये दूरी छह किलोमीटर से भी कम थी। इसके अलावा कोलकाता में भी मरीजों से पांच किलोमीटर तक ले जाने के लिए छह से आठ हजार रुपये तक वसूले गए।

 

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