कानपुर पुलिस के साथ मुठभेड़ में गिरफ्तार विकास दुबे का गुर्गा दयाशंकर अग्निहोत्री ने पुलिस के साथ पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं. दयाशंकर ने पुलिस को बताया है कि मुठभेड़ से पहले विकास दुबे को एक फोन आया था. उसने कहा है कि मुठभेड़ के दौरान विकास दुबे खुद बंदूक लेकर पुलिस पर फायरिंग कर रहा था. ये बंदूक दयाशंकर के नाम पर थी.
दया शंकर ने यह भी बताया कि पुलिस स्टेशन से रेड के बारे में फोन आने के बाद विकास दुबे ने अपनी मदद के लिए 20-25 लोगों को फोन करके पहले ही बुला लिया था और फिर उसके बाद रेड करने पहुंची पुलिस की टीम पर हमला किया गया। गिरफ्तार गैंगस्टर दया शंकर ने बताया कि खुद विकास दुबे ने रेड करने पहुंची पुलिस की टीम पर गोलियां बरसाई। विकास खुद बंदूक से पुलिस वालों पर फायरिंग कर रहा था और जिस बंदूक से वह गोलियां बरसा रहा था वह बयान देने वाले गैंगस्टर दया शंकर के नाम पर ही थी। गैंगस्टर दया शंकर पर भी उत्तर प्रदेश पुलिस ने 25 हजार रुपए का ईनाम रखा हुआ है, लेकिन अब वह गिरफ्तार है और पुलिस को बयान दे रहा है।
उसने यह भी कहा है कि वह घर के अंदर बंद था जब विकास दुबे और उसके लोगों ने पुलिस कर्मियों पर हमला किया। दया शंकर अग्निहोत्री ने कहा, “मैंने कुछ नहीं देखा।”उसने यह भी खुलासा किया था कि गिरोह के सदस्य गांव के पास एक बगीचे में इकट्ठा होते थे।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैंगस्टर और कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर मूल्य राशि 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी है। कानपुर में दुबे और उसके गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए 3 जुलाई की सुबह की गई छापेमारी के दौरान आठ पुलिस कर्मियों के मारे जाने के लगभग 48 घंटे बाद विकास आया।
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