जानें- क्या हैं समीकरण, अगले राउंड में नंबर नहीं, गणित अहम : यूपी चुनाव

आधे सूबे का जनादेश ईवीएम में कैद हो चुका है। 38 जिलों की 209 सीटों पर मतदान के बाद गुणा-गणित बैठा रहे सियासी सूरमाओं का फोकस अब बाकी के चरणों पर है। राजनीतिक दृष्टि से बेहद उपजाऊ, भौगोलिक-सांस्कृतिक सरोकारों से जुड़े इन इलाके में सीटें भले ही कम हैं, लेकिन बेहद अहम हैं। शायद यही वजह है कि पश्चिम से पूरब की तरफ बढ़ रही जंग के सियासी सेनापतियों की वाणी बदलने के साथ हमला करने का तरीका भी बदलता जा रहा है।

बसपा सुप्रीमो अब तक घोषणापत्र जारी नहीं करती थीं, तर्क देती थीं कि वह वादे करने में नहीं बल्कि काम करने में भरोसा रखती हैं। अब वे सपा और भाजपा के कामकाज को कठघरे में खड़ा करने के साथ सत्ता में आने पर सिर्फ विकास की बातें कर रहीं हैं।

उनके वादों में पिछड़े व दलितों की रोजी-रोटी का मुद्दा है तो दलितों को इस बात के लिए ताकीद भी कर रहीं है कि भाजपा आएगी तो आरक्षण खत्म कर देगी। बुंदेलखंड राज्य बनाने के वादे पर वह आज भी कायम हैं।

Be the first to comment on "जानें- क्या हैं समीकरण, अगले राउंड में नंबर नहीं, गणित अहम : यूपी चुनाव"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*