मु्द्रा स्‍कीम के टारगेट बताने में वित्‍त मंत्री कर गए गलती

वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने छोटे कारोबारियों को लोन देने वाली स्‍कीम मुद्रा की घोषणा में ‘खेल’ कर दिया। उन्‍होंने घोषणा की कि बजट 2017-18 में मुद्रा स्‍कीम का टारगेट दोगुना किया जाता है, लेकिन उन्‍होंने यह टारगेट पिछले साल के मुकाबले किया है, जबकि इस साल के टारगेट के मुकाबले केवल 35 फीसदी की वृद्धि की गई है। दिलचस्‍प बात यह है‍ कि सरकार मुद्रा स्‍कीम का साल 2016-17 का टारगेट हासिल करने से कोसों दूर है। साल खत्‍म होने में केवल दो माह का समय बचा है और अब तक सरकार 50 फीसदी टारगेट ही हासिल कर पाई है।
 क्‍या है घोषणा
वित्‍त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के उन कारोबारियों को लोन दिया गया है, जिनको लोन नहीं मिलता था। पिछले साल का टारगेट 1 लाख 22 हजार करोड़ रुपए था और टारगेट से अधिक लोन छोटे कारोबारियों को दिया गया। इसलिए साल 2017-18 के बजट में इसे बढ़ा कर दोगुना यानी 2 लाख 44 हजार करोड़ किया जाता है। इसमें महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को प्रमुखता दी जाएगी।

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